अपराध संवाददाता। उत्तर प्रदेश के डीजीपी हमेशा सभी पुलिसकर्मियों को यही पाठ पढ़ाते हैं कि थाने व चौकी पर आए हुए पीड़ितों के साथ सदा सहयोग जनक व्यवहार करते हुए उनका सहयोग करें। इस बात का आलमबाग थाने के दरोगा वीरेंद्र सिंह पर कोई फर्क नहीं पड़ता ,वह तो डीजीपी साहब के सिद्धांतों के विपरीत ही कार्य करते हैं।
आलमबाग निवासी प्रणाम मातृभूमि समाचार पत्र के प्रधान संपादक शिवा सैनी ने दरोगा वीरेंद्र सिंह के विरुद्ध डीजीपी को लिखा पत्र की 16 सितंबर 2020 को नगर निगम जोन 5 से संबंधित एक न्यूज़ सोशल मीडिया पर शेयर तथा अपने समाचार पत्र में प्रकाशित की थी। जिस पर जोन 5 के कर्मचारी द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से धमकी दी, जिसकी सूचना शिवा सैनी द्वारा तत्काल थाना आलमबाग को दी गई। इस पर दरोगा वीरेंद्र सिंह द्वारा 23 जुलाई 2020 को शिवा सैनी को थाने बुलाया गया। साथ ही विपक्षियों को भी थाने बुलाया, विपक्षी पहले तो थाने अकेले आया, परंतु शिवा सैनी को वहां अकेला देखकर उसने दो-तीन लोगों को फोन किया। अचानक कुछ अज्ञात व्यक्ति थाने में घुस आए। जब विपक्षी की बहुमत अधिक हो गई, तो विपक्षी और अज्ञात व्यक्ति शिवा सैनी को धमकाने और दबाव बनाने लगे, साथ ही शिवा सैनी व उनके प्रेस आई.कार्ड की फोटो खींच ली, यह सारा कार्य दरोगा वीरेंद्र सिंह की आंखों के सामने होता रहा, लेकिन दरोगा वीरेंद्र सिंह ने इस पर कोई एतराज नहीं जताया और बैठे देखते/हंसते रहे। विपक्षी जाते-जाते शिवा सैनी को जोन 5 आने की धमकी देकर गए। परंतु आलमबाग थाने में FIR दर्ज ना की गई, इस संबंध में शिवा सैनी ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र दिया, परंतु कोई कार्यवाही ना की गई, दरोगा विरेंद्र सिंह द्वारा शिवा सैनी के विरुद्ध ही 107/116 CRPC की कार्यवाही कर दी गई।
इसी के तहत 1 अक्टूबर 2020 को शिवा सैनी ने डीजीपी को पत्र लिखकर दरोगा वीरेंद्र सिंह के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की और कहा कि उन्हें संदेह है कि दरोगा वीरेंद्र सिंह विपक्षियों से पूर्णता मिले हुए हैं, दरोगा व विपक्षी मिलकर कभी भी कोई षड्यंत्र रच सकते हैं, इतना ही नहीं यह भी कहा कि दरोगा वीरेंद्र सिंह की सह पर विपक्षी क्रोधवश उनकी हत्या भी कर सकते हैं और दरोगा वीरेंद्र सिंह द्वेष भावना के कारण कोई फर्जी मुकदमा दर्ज कर हंसा सकते हैं, जिसे पूर्णता निराधार समझा जाए।
शिवा सैनी का कहना है कि आए दिन समाज में व्याप्त बुराइयों के प्रति वह आवाज उठाते हैं वे अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करते रहते हैं, जिस कारण कुछ राजनैतिक, पुलिसकर्मी, और आमजन उनके विरोधी हैं, जिस कारण आए दिन उनके ऊपर जान माल का खतरा बना रहता है। इससे पूर्व भी कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं, कुछ की FIR दर्ज की गई तो कुछ थाने में ही दबा दिए गए। साथ ही यह भी कहना है कि यदि शिवा सैनी अथवा उनके परिवारजनों के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती हैं, तो उसके पूर्ण रूप से जिम्मेदार दरोगा वीरेंद्र सिंह व विपक्षीगण होंगे।
जहां एक तरफ शासन पत्रकारों को सम्मान व सुरक्षा देने पर विशेष ध्यान दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ आलमबाग थाने के दरोगा वीरेंद्र सिंह पत्रकारों के साथ हो रहे अत्याचारो पर कोई कार्यवाही ना करके विपक्षियों का मनोबल मजबूत कर रहे हैं।
इस तरह के पुलिसकर्मी कर रहे हैं समस्त पुलिस महकमे को बदनाम आखिर क्यों ?
इनके विरुद्ध आखिर कब होगी कार्रवाई ?
वीरेंद्र सिंह
दरोगा